CANCER - कैंसर
सभी जानते हैं कि मानव शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना है, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन कोशिकाओं में वृद्धि एवं विभाजन जैसी प्रक्रिया होती रहती है और जब यह कोशिकाएं पुरानी या क्षतिग्रस्त हो जाती है तो मर जाती है तथा उनके स्थान पर नई कोशिकाओं का विकास हो जाता है जो कि एक सामान्य प्रक्रिया है।
इसके आगे यदि कोशिकाएं सामान्य तौर पर ना मरे तब क्या होता है ?
कैंसर की उत्पत्ति
मानव शरीर की इकाई होती है "कोशिका" मगर कैंसर की उत्पत्ति भी इन्हीं कोशिकाओं से शुरू होती हैlआइये जानते हैं - जब किसी कोशिका की डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाती है या उनमें बदलाव आता है तो उन में "उत्परिवर्तन" पैदा होता है जो कोशिकाओं के विकास व विभाजन को प्रभावित करता है जिसके कारण कोशिकाएं नहीं मरती है बल्कि उन में वृद्धि होने लगती है तथा यह वृद्धि ही मानव शरीर में ट्यूमर का रूप धारण कर लेता है ! यही ट्यूमर कैंसर का रूप हो सकता है।
सभी ट्यूमर कैंसर वाले नहीं होते हैं तथा यह शरीर से हटाए भी जा सकते हैं, किंतु कुछ टयूमर ऐसे नहीं हैं यह ट्यूमर कैंसर के होते हैं जिनमें कोशिकाएं आसपास के ऊतकों पर आक्रमण कर लेती है तथा शरीर के अन्य भागों में पनपने लगती हैं।
आइए जानते हैं महिला व पुरुषों में कौन-कौन से कैंसर ज्यादा पाए जाते हैं
1. पुरुषों में - मुंह का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, रक्त कैंसर आदि होते हैं!इन रोगों का प्रमुख कारण खानपान और जीवनशैली है, विशेषकर तंबाकू, बीड़ी, गुटखा ,सिगरेट के सेवन से समस्या पैदा होती हैं।
2. महिलाओं में - स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, गर्भाशय कैंसर आदि।
इन रोगों का प्रमुख कारण जीवनशैली है। मगर फिर भी महिलाओं में होने वाले रोग अचानक होने वाले रोगो में शामिल है।
कैंसर के सामान्य लक्षण
वैसे तो कैंसर का कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होता लेकिन इन लक्षणों या परिवर्तन के बारे में जो हर व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए -1. मुंह के कैंसर - इसमें जीभ व गाल के भीतरी हिस्से मैं 2 हफ्ते या उससे ज्यादा समय से मुंह की फुंसी या छालों का रहना आदि।
2. पेट का कैंसर - भूख में कमी, खानपान की आदतों में बदलाव, मलद्वार में रक्त आना ,अचानक वजन का कम होना, शरीर के किसी गांठ से अगले भाग से खून आना, हाथ के बगल में कोई गांठ होना, त्वचा में खिंचाव होना आदि।
3. सर्वाइकल कैंसर - शरीर के हिस्सों से रक्त स्त्राव, शारीरिक संबंध के बाद रक्त का आना आदि।
4. फेफड़े का कैंसर - लार में खून आना, लंबे समय तक कफ का रहन, खांसने में रक्त आना आदि।
5. स्तन कैंसर - स्तन में गठान, स्तन में दर्द आदि।
6. प्रोस्टेट कैंसर - मूत्र त्याग में समस्या दर्द , जलन आदि।
7. गर्भाशय कैंसर - माहवारी में समस्या, पेट में या गर्भाशय में दर्द आदि।
ये सभी कैंसर के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं, इसलिए ऐसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
कैंसर की जांच
कैंसर का पता लगाने के लिए कोई विशेष टेस्ट नहीं है, मगर उम्र के हिसाब से लगातार अपना रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए। खास तौर पर उम्र 45 से 70 वर्ष के होने पर हर वर्ष मेमोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए तथा जिन महिलाओं की उम्र 30 से 35 वर्ष है उन्हें 5 साल में एक बार पीएपी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।इसके अलावा अपने डॉक्टर की सलाह समय अनुसार लेते रहें।
सावधानियां
1. पोषण युक्त भोजन लेना चाहिए!2. नियमित व्यायाम करना चाहिए!
3. दिनचर्या संयमित रखें।
4. शारीरिक परिवर्तन को गंभीरता से लें।
5. 40 वर्ष अधिक होने पर लगातार डॉक्टर से संपर्क बनायें रखें।
IMPORTANT -
उपरोक्त लक्षणों को नजरअंदाज ना करें तथा शरीर में कोई भी स्पष्ट लक्षण दिखाई दे जो तीन-चार सप्ताह से ठीक नहीं हो रहे हो तो उसे नजरअंदाज ना करें तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले -"क्योंकि समय रहते इस घातक बीमारी की पहचान ही सही इलाज है"!
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